मनरेगा के तहत काम करने वाले 40 लाख मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया | इनमें कई जिलों का नाम शामिल है…

मनरेगा के तहत काम करने वाले 40 लाख मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया

मनरेगा के तहत काम करने वाले 40 लाख मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया

नमस्कार मित्रों मेरे इस पोस्ट से जाने कि कैसे बिहार में मनरेगा के तहत काम करने वाले लगभग 40 लाख से ज्यादा लोगों को जॉब कार्ड से रद्द कर दिया गया है क्योंकि वह लगभग 3 साल से काम पर नहीं गए थे और सरकार के द्वारा आधार कार्ड से लिंक नहीं होने के कारण मजदूरों का मनरेगा के तहत जॉब कार्ड को रद्द कर दिया गया है जिसमें कई जिले भी शामिल है और लगभग 2. 42 करोड़ मजदूर रजिस्टर थे तो मेरे इस पोस्ट को पूरा पढ़ें और जाने की किन किन राज्यों में और इस जॉब कार्ड को क्यों रद्द कर दिया गया और अपने दोस्तों के साथ इस पोस्ट को जरुर शेयर करें धन्यवाद |

मनरेगा के तहत काम करने वाले 40 लाख मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया
मनरेगा के तहत काम करने वाले 40 लाख मजदूरों का जॉब कार्ड रद्द कर दिया गया

बिहार में मनरेगा के अनुसार काम करने वाले लगभग 29 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के जॉब कार्ड रद्द कर दी गई हैं इन सब में अधिकतर ऐसे मजदूर है जो काम से काम के कारण बिहार छोड़कर बाहर जाना पड़ा या पिछले 3 सालों में एक भी काम पर नहीं आए |

और साथी अलग नकली पहचान वाले जॉब कार्ड को भी कर दिया गया है रद्द कर दिया गया है मनरेगा जॉब कार्ड को आधार कार्ड से लिंक कराने के दौरान यह बात सामने आई अगर आप भी मनरेगा मजदूर हैं तो इससे जुड़ी संबंधित सर सरकारी दफ्तर में जाकर आप इसे चेक कर सकते हैं कि मैं कि मनरेगा योजना से कहीं आपका भी नाम तो नहीं हट गया |

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बिहार के और अलग जिलों में 39 लाख 36 हजार मजदूर का जॉब कार्ड को रद्द कर दिया गया है जिसमें अव्वल नंबर पर सबसे ज्यादा पटना वैशाली समस्तीपुर भोजपुर दरभंगा और भागलपुर जिले में जॉब कार्ड को रद्द कर दिया गया है इस जांच में यह सा मिलाया है कि कई लोग इन इंद्रियां हवास या प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने के लिए जॉब कार्ड बनवा लिया था |

और सबसे अधिक पटना, समस्तीपुर, भागलपुर, भोजपुर, दरभंगा और वैशाली में जॉब कार्ड को रद्द कर दिया गया है इस जांच में यह भी शामिल है यह भी सामने आया है कि कई लोग ने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ उठाने के लिए जॉब बोर्ड बनवा बनवाया था परंतु पिछले 3 साल से एक भी मजदूर काम पर नहीं आए |

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बिहार में इस मनरेगा योजना के तहत लगभग 2.42 करोड़ मजदूर रजिस्टर थे | नए नियमों के मुताबिक मनरेगा मजदूर के जॉब कार्ड का आधार से लिंक होना बहुत ही आवश्यक आवश्यक था सरकार के द्वारा आधार से लिंक करने के दौरान मजदूरों और फर्जी पाए जा रहे जॉब कार्ड को रद्द कर दिया गया है |

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